Description
भगवान के भक्तों में भक्त प्रह्लाद का चरित्र अद्वितीय है। भगवद्विश्वास का ऐसा अनूठा चरित्र कहीं ढूढ़ने से भी नहीं मिलता। इनकी रक्षा के लिये भगवान को खम्भे से प्रकट होना पड़ा। प्रस्तुत पुस्तक में श्रीमद्भागवत के आधार पर श्रीप्रह्लादजी के जीवन-चरित्र का बड़ा ही सुन्दर वर्णन किया गया है। इस में हिरण्यकशिपु की तपस्या, इन्द्र द्वारा प्रह्लाद की माता कयाधू का अपहरण, देवर्षि नारद द्वारा कयाधू को छुड़ाना, प्रह्लादजी का जन्म, हिरण्यकशिपु का अत्याचार, हिरण्यकशिपु-वध इत्यादि सभी विषयों पर बड़ा ही सरस विवेचन किया गया है।
Additional information
| Weight | 0.3 g | 
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