ब्रज की तुलसी/ Braj ki Tulsi

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तुलसी, तिलक, संकीर्तन, हम एकादशी का व्रत क्यों रखते हैं, कैसे रखते हैं, एकादशी कितनी है। ऐसे अनेक विषयों पर प्रामाणिक प्रस्तुति।  
ब्रज क्षेत्र में तुलसी गणना नित्यपूज्य वृक्ष-देव के रुप में की जा सकती है, क्योंकि वह हरिप्रिया है। सम्पूर्ण मंगलों का निमित्त और अमंगलों का निवारण करनेवाली है। जहाँ तुलसी का बिरवा रहता है, वहाँ यमदूत तथा दुष्ठ शक्तियाँ प्रवे नहीं करतीं। कहीं-कहीं पीपल की पूजा भी नित्यप्रति की जाती है।

Description

तुलसी, तिलक, संकीर्तन, हम एकादशी का व्रत क्यों रखते हैं, कैसे रखते हैं, एकादशी कितनी है। ऐसे अनेक विषयों पर प्रामाणिक प्रस्तुति।  
ब्रज क्षेत्र में तुलसी गणना नित्यपूज्य वृक्ष-देव के रुप में की जा सकती है, क्योंकि वह हरिप्रिया है। सम्पूर्ण मंगलों का निमित्त और अमंगलों का निवारण करनेवाली है। जहाँ तुलसी का बिरवा रहता है, वहाँ यमदूत तथा दुष्ठ शक्तियाँ प्रवे नहीं करतीं। कहीं-कहीं पीपल की पूजा भी नित्यप्रति की जाती है।

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