जीवन का सत्य/ Jeevan Ka Satya

25.00

“जीवन का सत्य” स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज द्वारा रचित एक प्रेरणादायक और आध्यात्मिक पुस्तक है, जो मानव जीवन के गूढ़ रहस्यों और आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करती है।

🧘‍♂️ पुस्तक की विशेषताएँ:

यह पुस्तक स्वामी श्री रामसुखदास जी के गूढ़, हृदयस्पर्शी और सरल प्रवचनों का संग्रह है, जो आत्मा, परमात्मा, मोक्ष और जीवन के वास्तविक उद्देश्य पर केंद्रित हैं।


📖 प्रमुख विषयवस्तु:

  1. परम शांति का उपाय

  2. प्रभु की प्राप्ति साधना से नहीं, केवल मान्यता से

  3. अभिमान और अहंकार का त्याग

  4. पराधीनता और स्वाधीनता

  5. आवश्यकता और इच्छा

  6. बुद्धि के निश्चय की महत्ता

  7. स्वभाव शुद्धि

  8. प्रत्येक परिस्थिति का सदुपयोग

  9. श्रीमद्भगवद्गीता की महिमा

  10. वास्तविक संबंध प्रभु से

  11. अधिकार संसार पर नहीं, परमात्मा पर

  12. अचिन्त्य का ध्यान

  13. करने में सावधानी, होने में प्रसन्नता

  14. गोरक्षा हमारा परम कर्तव्य

🌟 पुस्तक का उद्देश्य:

स्वामी जी के अनुसार, भगवत्प्राप्ति इसी जीवन में संभव और अत्यंत सुलभ है। वे बताते हैं कि संसार से हमारा संबंध केवल सेवा का होना चाहिए, और हमारा वास्तविक अधिकार केवल भगवान पर है। यह पुस्तक आत्मा के ज्ञान, आत्मनियंत्रण और मोक्ष की ओर प्रेरित करती है

Description

“जीवन का सत्य” स्वामी श्री रामसुखदास जी महाराज द्वारा रचित एक प्रेरणादायक और आध्यात्मिक पुस्तक है, जो मानव जीवन के गूढ़ रहस्यों और आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करती है।

🧘‍♂️ पुस्तक की विशेषताएँ:

यह पुस्तक स्वामी श्री रामसुखदास जी के गूढ़, हृदयस्पर्शी और सरल प्रवचनों का संग्रह है, जो आत्मा, परमात्मा, मोक्ष और जीवन के वास्तविक उद्देश्य पर केंद्रित हैं।


📖 प्रमुख विषयवस्तु:

  1. परम शांति का उपाय

  2. प्रभु की प्राप्ति साधना से नहीं, केवल मान्यता से

  3. अभिमान और अहंकार का त्याग

  4. पराधीनता और स्वाधीनता

  5. आवश्यकता और इच्छा

  6. बुद्धि के निश्चय की महत्ता

  7. स्वभाव शुद्धि

  8. प्रत्येक परिस्थिति का सदुपयोग

  9. श्रीमद्भगवद्गीता की महिमा

  10. वास्तविक संबंध प्रभु से

  11. अधिकार संसार पर नहीं, परमात्मा पर

  12. अचिन्त्य का ध्यान

  13. करने में सावधानी, होने में प्रसन्नता

  14. गोरक्षा हमारा परम कर्तव्य

🌟 पुस्तक का उद्देश्य:

स्वामी जी के अनुसार, भगवत्प्राप्ति इसी जीवन में संभव और अत्यंत सुलभ है। वे बताते हैं कि संसार से हमारा संबंध केवल सेवा का होना चाहिए, और हमारा वास्तविक अधिकार केवल भगवान पर है। यह पुस्तक आत्मा के ज्ञान, आत्मनियंत्रण और मोक्ष की ओर प्रेरित करती है

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Weight 0.3 g

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