भगवान श्रीकृष्ण और भगवद गीता/bhagwan sri krishna aur bhagvad gita

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🌺 भगवान श्रीकृष्ण का परिचय:

भगवान श्रीकृष्ण हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। उनका जन्म द्वापर युग में हुआ था, और उनका जीवन एक प्रेरणा और मार्गदर्शक के रूप में देखा जाता है।

जन्म और बाल्यकाल:

श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, जहां उनके माता-पिता देवकी और वासुदेव थे। कंस नामक अत्याचारी राजा के डर से उन्हें गोकुल लाया गया और यशोदा और नंद बाबा ने उनका पालन-पोषण किया।

लीलाएं:

  • बाल लीलाएं: माखन चोरी, गोपियों के साथ रासलीला, कालिया नाग का दमन आदि।

  • युवा अवस्था: रासलीला, वृंदावन की लीलाएं, और प्रेम में राधा के साथ उनका संबंध।

  • राजनीतिक जीवन: महाभारत में एक कूटनीतिज्ञ, मार्गदर्शक और रथसारथी के रूप में भूमिका।


📖 भगवद गीता का सार:

भगवद गीता एक दिव्य ग्रंथ है जो महाभारत के भीष्म पर्व के अध्याय 23 से 40 तक का हिस्सा है। इसे श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान में अर्जुन को उपदेश रूप में दिया।

प्रसंग:

जब अर्जुन युद्धभूमि में अपने सगे-सम्बंधियों के विरुद्ध युद्ध करने से विचलित हो जाते हैं, तब श्रीकृष्ण उन्हें धर्म, आत्मा, कर्म, और योग के विषय में ज्ञान देते हैं।

मुख्य विषय:

  1. कर्म योग – बिना फल की इच्छा के कर्म करना।

  2. भक्ति योग – ईश्वर की निष्काम भक्ति।

  3. ज्ञान योग – आत्मा, ब्रह्म, और माया का ज्ञान।

  4.  धर्म और कर्तव्य – अपने स्वधर्म का पालन करना।

प्रसिद्ध श्लोक:

“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।”
(तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल में नहीं।)


🌼 श्रीकृष्ण का संदेश:

श्रीकृष्ण हमें सिखाते हैं कि जीवन में चुनौतियों से घबराना नहीं चाहिए। सही मार्ग पर चलकर, धर्म और सत्य का पालन करते हुए अपने कर्म करते रहना चाहिए।

Description

🌟 Bhagwan Shri Krishna 

Lord Shri Krishna is one of the most revered and beloved deities in Hinduism. He is considered the eighth incarnation (avatar) of Lord Vishnu, who took birth to restore dharma (righteousness) and guide humanity.

Birth and Childhood:

Shri Krishna was born in Mathura to Devaki and Vasudeva, under the tyranny of King Kansa, his maternal uncle. To protect him, he was secretly taken to Gokul, where he was raised by Yashoda and Nanda Baba.

Divine Leelas (Pastimes):

  • Childhood Leelas: Butter stealing, playing with cowherd friends, lifting Govardhan Hill, subduing Kaliya the serpent.

  • Youth: The divine Raas Leela with the Gopis (cowherd girls), deep love and bond with Radha.

  • Later life: As a kingmaker, strategist, and charioteer in the Mahabharata.


📜 Bhagavad Gita – Summary:

The Bhagavad Gita (meaning The Song of God) is a 700-verse Hindu scripture that is part of the epic Mahabharata, specifically the Bhishma Parva (Book of Bhishma), chapters 23–40.

Setting:

It is a conversation between Lord Krishna and Prince Arjuna on the battlefield of Kurukshetra, just before the start of a great war. When Arjuna is confused and morally troubled about fighting his own relatives, Krishna imparts spiritual wisdom.

Key Themes:  The path of selfless action.

  1. Bhakti Yoga – The path of devotion.

  2. Jnana Yoga – The path of knowledge.

  3. Dharma and Duty – Righteous living and following one’s duty without attachment.

Famous Verse:

“Karmanye vadhikaraste ma phaleshu kadachana”
(You have a right to perform your duties, but not to the results thereof.)

भगवान श्रीकृष्ण और भगवद गीता का विवरण  


🌺 भगवान श्रीकृष्ण का परिचय:

भगवान श्रीकृष्ण हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। उनका जन्म द्वापर युग में हुआ था, और उनका जीवन एक प्रेरणा और मार्गदर्शक के रूप में देखा जाता है।

जन्म और बाल्यकाल:

श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, जहां उनके माता-पिता देवकी और वासुदेव थे। कंस नामक अत्याचारी राजा के डर से उन्हें गोकुल लाया गया और यशोदा और नंद बाबा ने उनका पालन-पोषण किया।

लीलाएं:

  • बाल लीलाएं: माखन चोरी, गोपियों के साथ रासलीला, कालिया नाग का दमन आदि।

  • युवा अवस्था: रासलीला, वृंदावन की लीलाएं, और प्रेम में राधा के साथ उनका संबंध।

  • राजनीतिक जीवन: महाभारत में एक कूटनीतिज्ञ, मार्गदर्शक और रथसारथी के रूप में भूमिका।


📖 भगवद गीता का सार:

भगवद गीता एक दिव्य ग्रंथ है जो महाभारत के भीष्म पर्व के अध्याय 23 से 40 तक का हिस्सा है। इसे श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान में अर्जुन को उपदेश रूप में दिया।

प्रसंग:

जब अर्जुन युद्धभूमि में अपने सगे-सम्बंधियों के विरुद्ध युद्ध करने से विचलित हो जाते हैं, तब श्रीकृष्ण उन्हें धर्म, आत्मा, कर्म, और योग के विषय में ज्ञान देते हैं।

मुख्य विषय:

  1. कर्म योग – बिना फल की इच्छा के कर्म करना।

  2. भक्ति योग – ईश्वर की निष्काम भक्ति।

  3. ज्ञान योग – आत्मा, ब्रह्म, और माया का ज्ञान।

  4.  धर्म और कर्तव्य – अपने स्वधर्म का पालन करना।

प्रसिद्ध श्लोक:

“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।”
(तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल में नहीं।)


🌼 श्रीकृष्ण का संदेश:

श्रीकृष्ण हमें सिखाते हैं कि जीवन में चुनौतियों से घबराना नहीं चाहिए। सही मार्ग पर चलकर, धर्म और सत्य का पालन करते हुए अपने कर्म करते रहना चाहिए।

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