दिव्य संदेश\divy sandesh

10.00

Description

धर्म के नाम पर आज ढोंग और दम्भ का पार नहीं रहा है। परमात्मा को, उसके नाम को और उसके दिव्य धर्म को भुलाकर जगत् आज ऊपर की बातों में ही लड़ रहा है। इसीलिए न तो आज धर्म की उन्नति होती है और न कोई सुख का साधन ही दीखता है। लोग समझते हैं कि ईश्वर केवल उनके निर्देश किये हुए स्थान और नियमों में ही आबद्ध है, अन्य सब जगह तो उसका अभाव ही है। 

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Weight 0.3 kg

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