दाम्पत्य-जीवन का आदर्श/ Dampatya- Jeevan ka Aadarsh

25.00

धर्मानुशासित गृहस्थाश्रम धर्म और मोक्ष के सम्पुट में अर्थ और काम का सम्पुटित जीवन पञ्चम पुरुषार्थ भगवद्भक्ति का प्रदाता है। दाम्पत्य जीवन के सर्वाङ्गीण विकास-हेतु भाईजी श्री हनुमानप्रसाद जी पोद्दार द्वारा प्रणीत इस पुस्तक में पति-पत्नी के कर्तव्य, धर्म, व्यवहार आदि विभिन्न विषयों पर लिखे गये अनेक उपयोगी लेखों का संग्रह।

Description

धर्मानुशासित गृहस्थाश्रम धर्म और मोक्ष के सम्पुट में अर्थ और काम का सम्पुटित जीवन पञ्चम पुरुषार्थ भगवद्भक्ति का प्रदाता है। दाम्पत्य जीवन के सर्वाङ्गीण विकास-हेतु भाईजी श्री हनुमानप्रसाद जी पोद्दार द्वारा प्रणीत इस पुस्तक में पति-पत्नी के कर्तव्य, धर्म, व्यवहार आदि विभिन्न विषयों पर लिखे गये अनेक उपयोगी लेखों का संग्रह।

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