Description
श्रीगोविदलीलामृतम सेट ऑफ़ ३ बुक्स
टीकाकार के मत में यह श्रीमदरूगोस्वामी चराड के एकादसश्लोक के अवलम्वन से रचित हुआ है किन्तु दसश्लोकि भासयकार श्रीपाद राधाकृष्ण गोस्वामी के मत में उक्त मंडल भी प्रस्तुत गर्न्थकर की ही रचना हे इसमें दस्ये सख्य बातसल्य एवं मधुर भाव के भकगरंथ के परिपाटी से अधिक हुआ है इस कृत के अवलोकन सुमधुर अक्ष्रर एवं अपूर्व
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