Description
रसिया रसे शवरी बिधि हरी हरी कोविद वाणी
कहत साधु महिमा सकुचानी सो मो सन कहो जात न कैसे
साक वणिक मा नी गन गन जैसे
जो सुख होत गोपालहि गाये सो सुख होत न जप तप कीन्हे तीर्थ नहाये
“रसिया रासेश्वरी” के गीतों में राधा रानी के नाम की महिमा, उनके लीलाओं का वर्णन, और उनके प्रति भक्ति की भावना को अभिव्यक्त किया जाता है। इन गानों के माध्यम से, भक्त राधा रानी के भव्य स्वरूप, उनकी लीलाओं का आनंद, और उनके साथ नित्य संवाद का अनुभव करते हैं।
“रसिया रासेश्वरी” गीतों का सुनना और गाना भक्तों को भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रति प्रेम और भक्ति में उन्मुख करता है। इनके माध्यम से, भक्त उनके दिव्य सम्पर्क का आनंद लेते हैं और उनकी अनंत लीलाओं में खो जाते हैं। इन गानों का अध्ययन और समाधान भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप के प्रति अधिक आस्था, भक्ति, और सामर्थ्य प्राप्त करने में मदद करता है।
Reviews
There are no reviews yet.