बृज भाव/ Braj Bhav

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Description

श्री भाईजी जैसी विभूतियाँ युगों-युगों में इस धरा पर आती है| उनकी स्थिति अनिर्वचनीय है| ऐसे अप्रतिम संत के मुखारविंद से नि:सृत वाणी को पुस्तकाकार रूप में करने के लिए श्रद्धालु साधकों और प्रेमीजनों का बहुत वर्षों से निरंतर आग्रह था| आपके सामने यह पुस्तक प्रतुत है|

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Weight 0.2 kg

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