श्री सारदा देवी जीवनी तथा उपदेश/Shri Sarada Devi Jivani Tatha Updesh

25.00

“श्री सारदा देवी जीवनी तथा उपदेश” एक पुस्तक है जो श्री सारदा देवी के जीवन, उनके आदर्शों और शिक्षाओं पर प्रकाश डालती है। श्री सारदा देवी रामकृष्ण परमहंस की धर्मपत्नी और आध्यात्मिक सहयोगिनी थीं। उन्हें “श्री माँ” के रूप में भी जाना जाता है और वे प्रेम, करुणा, त्याग तथा आध्यात्मिक ज्ञान की प्रतीक मानी जाती हैं।

पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

1. जीवन परिचय:
इस पुस्तक में श्री सारदा देवी के जन्म, उनके बचपन, विवाह, श्री रामकृष्ण के साथ उनके आध्यात्मिक जीवन, उनके धैर्य, त्याग और सेवा भावना को विस्तार से बताया गया है।

2. साधना और आध्यात्मिकता:
श्री माँ के आध्यात्मिक अनुभव, ध्यान, तपस्या और उनके आत्मसंयम का वर्णन इस पुस्तक में किया गया है। वे अपने सरल जीवन और गहन आध्यात्मिकता के लिए जानी जाती थीं।

3. उपदेश एवं शिक्षाएँ:
पुस्तक में उनके द्वारा दिए गए उपदेशों और उनके शिष्यों के साथ हुए संवादों को संकलित किया गया है। उनके उपदेश प्रेम, सहिष्णुता, निःस्वार्थ सेवा और ईश्वर भक्ति पर आधारित हैं।

4. सामाजिक योगदान:
उन्होंने महिलाओं की शिक्षा, समाज सेवा और आध्यात्मिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे सभी के प्रति मातृत्व भाव रखती थीं और हर किसी को प्रेम एवं करुणा का संदेश देती थीं।

मुख्य संदेश:

  • प्रेम और करुणा से भरा जीवन जीना।

  • सत्य और भक्ति का पालन करना।

  • कठिनाइयों में भी धैर्य और सहनशीलता बनाए रखना।

  • आध्यात्मिक उन्नति के लिए निःस्वार्थ सेवा करना।

यह पुस्तक न केवल श्री सारदा देवी के जीवन का परिचय कराती है बल्कि उनके उपदेशों से पाठकों को प्रेरित भी करती है। यह साधकों, भक्तों और आध्यात्मिक जीवन जीने वालों के लिए एक अनमोल ग्रंथ है।

Description

Shri Sarada Devi Jivani Tatha Updesh” is a book that presents the life, teachings, and spiritual wisdom of Shri Sarada Devi, the holy consort and spiritual companion of Sri Ramakrishna Paramahamsa. Revered as “Holy Mother” (Shri Maa), she is regarded as an embodiment of love, compassion, self-sacrifice, and spiritual wisdom.

The book provides a detailed account of Shri Sarada Devi’s birth, childhood, marriage, and her spiritual journey alongside Sri Ramakrishna. It highlights her patience, sacrifice, and immense service to humanity.

2. Spiritual Practice and Realization:
It delves into her spiritual experiences, meditation, penance, and self-discipline. Shri Maa is known for her deep spirituality combined with a simple and humble life.

3. Teachings and Messages:
The book compiles her teachings, conversations with disciples, and words of wisdom. Her messages focus on love, tolerance, selfless service, and devotion to God.

4. Social Contributions:
Shri Sarada Devi played a key role in women’s education, social service, and spiritual upliftment. She treated everyone with maternal love and spread the message of compassion and selfless service.

Key Messages:

  • Live a life filled with love and compassion.

  • Follow the path of truth and devotion.

  • Maintain patience and endurance even in hardships.

  • Engage in selfless service for spiritual progress.

This book not only introduces readers to Shri Sarada Devi’s life but also inspires them with her timeless teachings. It serves as a valuable spiritual guide for seekers, devotees, and anyone aspiring to live a meaningful life.

“श्री सारदा देवी जीवनी तथा उपदेश” एक पुस्तक है जो श्री सारदा देवी के जीवन, उनके आदर्शों और शिक्षाओं पर प्रकाश डालती है। श्री सारदा देवी रामकृष्ण परमहंस की धर्मपत्नी और आध्यात्मिक सहयोगिनी थीं। उन्हें “श्री माँ” के रूप में भी जाना जाता है और वे प्रेम, करुणा, त्याग तथा आध्यात्मिक ज्ञान की प्रतीक मानी जाती हैं।

पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:

1. जीवन परिचय:
इस पुस्तक में श्री सारदा देवी के जन्म, उनके बचपन, विवाह, श्री रामकृष्ण के साथ उनके आध्यात्मिक जीवन, उनके धैर्य, त्याग और सेवा भावना को विस्तार से बताया गया है।

2. साधना और आध्यात्मिकता:
श्री माँ के आध्यात्मिक अनुभव, ध्यान, तपस्या और उनके आत्मसंयम का वर्णन इस पुस्तक में किया गया है। वे अपने सरल जीवन और गहन आध्यात्मिकता के लिए जानी जाती थीं।

3. उपदेश एवं शिक्षाएँ:
पुस्तक में उनके द्वारा दिए गए उपदेशों और उनके शिष्यों के साथ हुए संवादों को संकलित किया गया है। उनके उपदेश प्रेम, सहिष्णुता, निःस्वार्थ सेवा और ईश्वर भक्ति पर आधारित हैं।

4. सामाजिक योगदान:
उन्होंने महिलाओं की शिक्षा, समाज सेवा और आध्यात्मिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे सभी के प्रति मातृत्व भाव रखती थीं और हर किसी को प्रेम एवं करुणा का संदेश देती थीं।

मुख्य संदेश:

  • प्रेम और करुणा से भरा जीवन जीना।

  • सत्य और भक्ति का पालन करना।

  • कठिनाइयों में भी धैर्य और सहनशीलता बनाए रखना।

  • आध्यात्मिक उन्नति के लिए निःस्वार्थ सेवा करना।

यह पुस्तक न केवल श्री सारदा देवी के जीवन का परिचय कराती है बल्कि उनके उपदेशों से पाठकों को प्रेरित भी करती है। यह साधकों, भक्तों और आध्यात्मिक जीवन जीने वालों के लिए एक अनमोल ग्रंथ है।

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