Description
“पंचांग-पूजन-पद्धति“ एक अत्यंत उपयोगी, प्रामाणिक और विधिवत पूजन-संहिता है, जो विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों, संस्कारों और कर्मकाण्डों के लिए तैयार की गई है। इसमें होमविधि, कुशाकण्डिका, देवपूजन, मांगलिक कार्यों और पांच प्रमुख कर्मकाण्डों का विस्तारपूर्वक वर्णन मिलता है।
🔖 मुख्य विषयवस्तु:
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पंचांग पूजन की विधियाँ:
पंचांग पूजन भारतीय परंपरा का एक अत्यंत शुभ और आवश्यक हिस्सा है। इस पुस्तक में तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण—इन पंचांग तत्वों के पूजन की संपूर्ण विधि दी गई है। -
कुशाकण्डिका विधि:
यज्ञ एवं धार्मिक कर्मों में कुशा का प्रयोग आवश्यक होता है। इस ग्रंथ में कुश की विधिपूर्वक स्थापना और पूजन की संपूर्ण विधि बताई गई है। -
होमविधि:
वैदिक होम, हवन और अग्निहोत्र की प्रक्रियाओं को शास्त्रीय नियमों के अनुसार चरणबद्ध रूप में वर्णित किया गया है। यह अनुभवी ब्राह्मणों के साथ-साथ नवशिक्षार्थियों के लिए भी उपयोगी है। -
मांगलिक कार्यों हेतु विधि:
विवाह, उपनयन, गृहप्रवेश, अन्नप्राशन जैसे विविध मांगलिक संस्कारों में प्रयुक्त पूजन-विधियों का संकलन इस पुस्तक में है। -
देवपूजन एवं तत्त्वनिर्णय:
इसमें गणेश, नवग्रह, पितृ आदि देवताओं के पूजन विधानों का भी समावेश है। साथ ही तत्त्वदर्शी शैली में पूजन के उद्देश्य, लाभ और वैदिक महत्त्व की चर्चा की गई है।
📝 पुस्तक की विशेषताएँ:
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सरल, शुद्ध एवं संस्कृतनिष्ठ भाषा, जिससे पठन में आध्यात्मिक भाव की वृद्धि होती है।
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प्रत्येक कर्म की क्रमबद्ध विधि, जिससे पूजन करने में कोई संशय न रहे।
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छोटे आकार में विशाल जानकारी, जिससे यह पुस्तक पूजन के समय सहज उपयोग के लिए उपयुक्त है।
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चित्र सहित प्रस्तुति, जिससे पूजन के स्थान और व्यवस्था की कल्पना सरल होती है।
🙏 उपयोगिता:
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यह पुस्तक ब्राह्मणों, पूजापाठ करने वालों, साधकों, तथा गृहस्थों के लिए समान रूप से उपयोगी है।
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इसमें दी गई विधियाँ शास्त्रसम्मत, सरल, और व्यवहारिक हैं, जिससे हर स्तर का साधक इस पुस्तक से लाभ उठा सकता है।
📚 निष्कर्ष:
“पंचांग-पूजन-पद्धति” एक आदर्श धार्मिक ग्रंथ है, जो परंपरागत पूजन विधियों को सही ढंग से समझने और करने में मदद करता है। यह पुस्तक पूजा, यज्ञ, संस्कार आदि वैदिक कर्मों को शुद्ध रूप से संपन्न करने के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शक है।
Additional information
Weight | 0.3 g |
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