Description
भारत में व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार है। व्रतों के प्रभाव से मनुष्यों की आत्मा शुद्ध होती है और संकल्प-शक्ति बढ़ती है। प्रस्तुत पुस्तक में प्रत्येक मास में पड़ने वाले व्रतों के विस्तृत परिचय के साथ उन्हें सही ढंग से सम्पादित करने की विधि दी गयी है। इसके अतिरिक्त इसमें परिशिष्ट प्रकरण के अन्तर्गत अधिमासव्रत, संक्रान्तिव्रत, अयनव्रत, पक्षव्रत, वारव्रत, प्रायश्चित्तव्रत तथा अन्त में वटसावित्री, मंगलागौरी, संकष्टचतुर्थी, ऋषिपंचमी, शिवरात्रि आदि विभिन्न व्रतों की सुन्दर कथाएँ दी गयी हैं। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक प्रत्येक परिवार के लिये उपयोगी होने के कारण अवश्य संग्रहणीय है।
Additional information
Weight | 0.3 g |
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