रुद्राष्टाध्यायी/ Rudrastadhyayi

45.00

रुद्राष्टाध्यायी  इसे शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी भी कहते हैं। रुद्राष्टाध्यायी दो शब्द रुद्र अर्थात् शिव और अष्टाध्यायी अर्थात् आठ अध्यायों वाला, इन आठ अध्यायों में शिव समाए हैं। वैसे तो रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय हैं परंतु आठ तक को ही मुख्य माना जाता है।

भगवान शिव की उपासना में शुक्ल यजुर्वेद के आठ अध्यायों का वैदिक पाठ रुद्रास्टाध्यायी अत्यन्त प्रचलित है। इस पुस्तक में वेद मन्त्रों का सस्वर पाठ प्रकाशित है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है।

Description

रुद्राष्टाध्यायी  इसे शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी भी कहते हैं। रुद्राष्टाध्यायी दो शब्द रुद्र अर्थात् शिव और अष्टाध्यायी अर्थात् आठ अध्यायों वाला, इन आठ अध्यायों में शिव समाए हैं। वैसे तो रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय हैं परंतु आठ तक को ही मुख्य माना जाता है।

भगवान शिव की उपासना में शुक्ल यजुर्वेद के आठ अध्यायों का वैदिक पाठ रुद्रास्टाध्यायी अत्यन्त प्रचलित है। इस पुस्तक में वेद मन्त्रों का सस्वर पाठ प्रकाशित है। विभिन्न दृष्टियों से यह पुस्तक सबके लिये उपयोगी है।

Additional information

Weight 0.3 g

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “रुद्राष्टाध्यायी/ Rudrastadhyayi”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related products