Description
भगवान को केवल भगवान की कृपा से ही जाना जा सकता है। उनकी कृपा भक्त पर तभी होती है जब वह मन, बुद्धि से शरणागत होता है। अगर साधक मन और बुद्धि से समर्पण नहीं करता तो वह भगवान की कृपा नहीं पा सकता। उसके बाद वह दुनिया को दिखाने के लिए चाहे मंदिर में जाकर कितना ही माथा टेके, उसको भगवान नहीं मिलेंगे।
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