ब्रज के राज कान / Braj Ke Raaj KAN

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ब्रज के राजकुमार – श्रीकृष्ण

 

ब्रज के राज कहे जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण हिन्दू धर्म के एक अत्यंत पूज्यनीय और लोकप्रिय देवता हैं। ब्रज भूमि, जिसमें मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, नंदगांव और बरसाना आदि स्थान आते हैं, श्रीकृष्ण की लीलाओं की धरती है।

श्रीकृष्ण का बचपन नंदगांव में बीता, जहाँ वे नंद बाबा और यशोदा मैया के पुत्र रूप में पले-बढ़े। उन्होंने बाल्यकाल में अनेक चमत्कार किए – जैसे पूतना वध, कालिया नाग का दमन, गोवर्धन पर्वत उठाना और गोप-गोपियों संग रासलीला।

ब्रज में श्रीकृष्ण न केवल एक बालक, बल्कि प्रेम और भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। राधा संग उनका प्रेम दिव्य और आत्मिक माना जाता है। गोपियों संग उनकी रासलीला प्रेम, भक्ति और आत्मसमर्पण का अद्वितीय उदाहरण है।

इसलिए श्रीकृष्ण को “ब्रज के राज” कहा जाता है – क्योंकि वे न केवल उस भूमि के नायक थे, बल्कि वहां के लोगों के हृदय के राजा भी थे। उनकी लीलाओं ने ब्रजभूमि को एक आध्यात्मिक तीर्थ बना दिया है, और आज भी भक्तजन वहां जाकर श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की अनुभूति करते हैं।

संक्षेप में:
ब्रज के राज” का अर्थ है – वह जो ब्रजभूमि का राजा है, परंतु सत्ता से नहीं, प्रेम और भक्ति से। और वह हैं श्रीकृष्ण

अगर आप किसी विशेष संदर्भ (जैसे कविता, नाटक या लोककथा) में “ब्रज के राज” की व्याख्या चाहते हैं, तो कृपया और जानकारी दें।

Description

“Braj Ke Raaj” (Secrets of Braj) is a captivating and mystical narrative centered around the sacred region of Braj, which is deeply associated with the life and leelas (divine plays) of Lord Krishna. This story unravels the hidden spiritual truths, ancient legends, and lesser-known mysteries of this holy land.

The tale explores the divine secrets buried in the forests of Vrindavan, the banks of the Yamuna River, and the villages where Krishna spent his youth. It dives into stories passed down through generations — of miraculous events, secret places where Krishna performed divine acts, and the deep devotion of the people of Braj.

More than just a religious tale, “Braj Ke Raaj” invites the audience on a journey into a timeless world of devotion, mystery, love, and divine energy. It reveals how every corner of Braj holds a sacred secret — a “raaj” — waiting to be discovered by true seekers.

ब्रज के राजकुमार – श्रीकृष्ण

 

ब्रज के राज कहे जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण हिन्दू धर्म के एक अत्यंत पूज्यनीय और लोकप्रिय देवता हैं। ब्रज भूमि, जिसमें मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, नंदगांव और बरसाना आदि स्थान आते हैं, श्रीकृष्ण की लीलाओं की धरती है।

श्रीकृष्ण का बचपन नंदगांव में बीता, जहाँ वे नंद बाबा और यशोदा मैया के पुत्र रूप में पले-बढ़े। उन्होंने बाल्यकाल में अनेक चमत्कार किए – जैसे पूतना वध, कालिया नाग का दमन, गोवर्धन पर्वत उठाना और गोप-गोपियों संग रासलीला।

ब्रज में श्रीकृष्ण न केवल एक बालक, बल्कि प्रेम और भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं। राधा संग उनका प्रेम दिव्य और आत्मिक माना जाता है। गोपियों संग उनकी रासलीला प्रेम, भक्ति और आत्मसमर्पण का अद्वितीय उदाहरण है।

इसलिए श्रीकृष्ण को “ब्रज के राज” कहा जाता है – क्योंकि वे न केवल उस भूमि के नायक थे, बल्कि वहां के लोगों के हृदय के राजा भी थे। उनकी लीलाओं ने ब्रजभूमि को एक आध्यात्मिक तीर्थ बना दिया है, और आज भी भक्तजन वहां जाकर श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की अनुभूति करते हैं।

संक्षेप में:
ब्रज के राज” का अर्थ है – वह जो ब्रजभूमि का राजा है, परंतु सत्ता से नहीं, प्रेम और भक्ति से। और वह हैं श्रीकृष्ण

अगर आप किसी विशेष संदर्भ (जैसे कविता, नाटक या लोककथा) में “ब्रज के राज” की व्याख्या चाहते हैं, तो कृपया और जानकारी दें।

 

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